Saturday, July 27

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर बुलाई हाई लेवल मीटिंग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर बुलाई हाई लेवल मीटिंग


पटना
पर्व-त्योहार के मौके पर बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत ने शासन-प्रशासन में खलबली मचा दी थी। सवाल उठाए गए कि जब शराब कंट्रोल करने के लिए तीन-तीन महकमे काम कर रहे हैं तो तस्करी कैसे हो रही? 16 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अहम बैठक बुलाई है। उससे पहले बिहार पुलिस ने अपनी सफाई में कार्रवाई के आंकड़े जारी किए।

बिहार में जहरीली शराब पीने से हाल ही में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। चार जिलों में इसका कहर देखने को मिला। नीतीश सरकार के शराबबंदी फैसले पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया। आरोप लगा कि सिर्फ आम आदमी पर कार्रवाई होती है, जबकि शराब माफिया फल-फूल रहे हैं। इन सबके बीच पुलिस ने शराबबंदी कानून के तहत हुई कार्रवाई के आंकड़े जारी कर दिए। इसमें बताया गया है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 49 हजार 900 मामले दर्ज हुए।

शराब से जुड़ी मौतों के बाद कार्रवाई को लेकर पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया है कि राज्य में जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक विशेष छापेमारी करके अलग-अलग जिलों में कुल 49 हजार 900 मामले दर्ज किए गए। कुल 38 लाख 72 हजार 645 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। जिसमें 12 लाख 93 हजार 229 लीटर देशी शराब और 25 लाख 79 हजार 415 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई। इस दौरान 62 हजार 140 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 12 हजार 200 गाड़ियों को जब्त किया गया।

पुलिसिया कार्रवाई में 1 हजार 590 ऐसे लोग पकड़े गए जो दूसरे राज्यों से आकर बिहार में शराब तस्करी के धंधे से जुड़े थे। शराब बरामदगी के मामले वैशाली अव्वल रहा। यहां से 456359 लीटर, पटना से 350085 लीटर, मुजफ्फरपुर से 256480 लीटर, औरंगाबाद से 232542 लीटर और मधुबनी से 223767 लीटर शराब बरामद हुआ। जबकि गिरफ्तारी के मामले में पटना टॉप पर रहा। यहां से 6855, सारण से 3872, मोतिहारी से 2832, नवादा से 2814 और मुजफ्फरपुर से 2660 लोग गिरफ्तार किए गए।

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