बाड़मेर
अतिरिक्त जिला कलेक्टर की गाड़ी चलाने वाले मदनदास ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके रिटायरमेंट पर कोई एडीएम उन्हें एक दिन का साहब बनाएगा। यही नहीं खुद ड्राइवर बनकर सम्मान देंगे। जी हां, ठीक सुना आपने। मौका था, पाकिस्तान की सीमा से लगती सरहदी बाड़मेर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर के ड्राइवर मदनदास की सेवानिवृत्ति का। एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई ने अपने ड्राइवर को एक दिन का साहब बनाकर उन्हें घर पहुंचाया है।
40 साल कलेक्ट्रेट में ड्राइवर मदनदास हो गए गदगद
बताया जा रहा है कि ड्राइवर मदन दास रिटायरमेंट के बाद जब उनके अफसर ने उनके लिए गेट खोला, पीछे की सीट पर बिठाया और खुद स्टीयरिंग संभाली, तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्हें घर तक छोड़ा और अभूतपूर्व सेवाओं के लिए साधुवाद दिया। अक्सर बड़े पदों पर बैठे अधिकारी अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने मातहतों (subordinates) को पूरा सम्मान देते हैं।
सरकारी ड्राइवर ने सपने में भी नहीं सोची, ऐसी विदाई मदनदास को मिली
ऐसे ही एक अधिकारी हैं बाड़मेर के एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई। दरअसल उनके ड्राइवर मदनदास रिटायर हुए है और इस मौके पर अपने ड्राइवर को यादगार तोहफा दे दिया। अतिरिक्त जिला कलक्टर अपने ड्रायवर को अपनी सीट पर बैठाकर खुद कार चलाते हुए घर तक छोड़ने गए। ऐसी विदाई की उम्मीद किसी सरकारी ड्राइवर ने सपने में भी नहीं सोची होगी, जैसी विदाई मदनदास को मिली।
31 जनवरी का पल हमेशा रहेगा याद
मदनदास पिछले 40 सालों से कलेक्ट्रेट में ही सेवाए दे रहे है। ऐसे में 31 जनवरी का पल उनके जीवन के लिए नई खुशियां लेकर आया जब एडीएम ने उन्हें एक दिन का साहब बनाकर उन्हें घर तक पहुंचाने गए। सेवानिवृत्त हुए मदनदास के मुताबिक उनके लिए यह बड़ा ही गौरवांवित करने वाला पल था। जब उन्हें अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई एक दिन का साहब बनाकर उन्हें घर छोड़ने आए।