न्यूज डेस्क- मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में डिग्री घोटाले का मामला सामना आया है। विश्वविद्यालय की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. विशाल भार्गव ने एमडीएस के 24 अपात्र छात्रों को मार्कशीट के साथ-साथ प्रोविजनल डिग्री बांट दी। जबकि एएफआरसी ने छात्रों को अपात्र घोषित करते हुए उनकी परीक्षा निरस्त कर दी थी। अपात्र 24 छात्र मध्यप्रदेश के नामी-गिरामी 7 प्राइवेट डेंटल कॉलेजों के छात्र हैं। इन छात्रों से सांठगांठ कर डिग्रियां दी गई।
एएफआरसी के आदेश की अनदेखी
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में डिग्री घोटाले ने व्यापमं घोटाले की याद को ताजा कर दिया है। 2016 बैच के मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी एमडीएस के 24 अपात्र छात्रों की परीक्षाओं को निरस्त कर परिणाम जारी नहीं करने के एएफआरसी (एडमिशन एंड फीस रेगुलेटरी कमिटी) के आदेश को यूनिवर्सिटी के परीक्षा और गोपनीय विभाग मानने से इंकार करते हुए उन छात्रों के परिणाम घोषित कर कर दिए।