मास्को. कोरोना महामारी से निपटने के लिए कई देश इस वायरस की वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं। अमेरिका, चीन, भारत और ब्राजील के बाद अब रूस ने कोविड -19 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रॉयल शुरू कर दिया है। जिन मरीजों पर इस वैक्सीन का ट्रॉयल किया जाएगा उन्हें मॉस्को हॉस्पिटल में आइसोलेट रखेंगे।
एक बयान में कहा गया है कि मॉस्को स्थित गामालेया अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित वैक्सीन के दो रूप हैं, लिक्विड और पाउडर जो इंजेक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा। इस वैक्सीन को 38 लोगों के दो समूहों पर परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, रूस में कोरोना वायरस टीके के लिए क्लीनिकल ट्रॉयल बुधवार से शुरू हो गए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस महामारी के बीच में क्लीनिकल ट्रॉयल करना बहुत ही अजीब सी स्थिति है। हालांकि, इस तरह के अभूतपूर्व उपायोग पहले भी किए गए हैं। जिन मरीजों पर इस वैक्सीन का ट्राॉल किया जा रहा है उन्हें 2 हफ्तों के लिए क्वारंटाइंड किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि पहला इंजेक्शन गुरुवार और शुक्रवार दिया जाएगा।
गामालेया संस्थान ने पिछले महीने उस समय सुर्खियां बटोरीं जब इसके डायरेक्टर, प्रोफेसर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान दिया कि उन्होंने और अन्य शोधकर्ताओं ने इसे अन्य इंसानों पर ट्रायल से पहले खुद को टीका लगाने की कोशिश की थी।