Wednesday, December 11

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में ‘रार’! कांग्रेस में उपचुनाव से पहले फिर मची खींचतान

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में ‘रार’! कांग्रेस में उपचुनाव से पहले फिर मची खींचतान


भोपाल( न्यूज डेस्क) प्रदेश में उपचुनाव से पहले कांग्रेस में फिर गुटबाजी की खबरें आने लगी है । सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राष्टीय महासचिव दिग्विजय सिंह के बीच कई बातों को लेकर खींचतान चल रही है। हालाकि पार्टी इन बातों से इंकार कर रही है।

गुटबाजी के चलते गिरी सरकार

मध्यप्रदेश में कांग्रेस में 15 साल बाद सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन पार्टी में गुटबाजी के चलते 15 महीनों में सरकार गिर गई। क्योंकि 15 महीनों से पहले कांग्रेस कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन गुटों में बटी हुई थी। इस दौरान दिग्विजय सिंह सत्ता और संगठन में जमकर उपयोग कर रहे थे, और ज्योतिरादित्य सिंधिया बार-बार अनदेखा दिया जा रहा था। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने दिया का जमकर फायदा लिया। लेकिन सत्ता में आने के बाद  सिंधिया को सत्ता और संगठन में कोई पद नहीं दिया गया। जिससे नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके चलते 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में गिर गई।

उपचुनाव में हो सकता है नुकसान

कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का सबसे बड़ा नुकसान पार्टी को आगामी उपचुनाव में उठाना पड़ सकता है। सूत्रो के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते टिकट वितरण की जिम्मेदारी कमलनाथ ने अपने हाथों में रखी है। वह हर सीट पर जिताऊ उम्मीद की तलाश कर रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस छोड़कर गए, बागी नेताओं को पार्टी में वापसी की भी तैयारी कर रहे है। वहीं इन सभी निर्णयों के चलते दिग्विजय सिंह और कमलनाथ में टकराव देखने को मिल रही है। दिग्विजय सिंह भी उपचुनाव में अपने खेमे के नेताओं को टिकट दिलाना चाहते है।

गुटबाजी की खबरों से इनकार

हालाकि कांग्रेस में बढ़ रही गुटबाजी से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह साफ-साफ इंकार कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने अंदर सब कुछ ठीक चल रहा है। गुटबाजी की खबरें बीजेपी की ओर से उड़ाई जा रही है। हम दोनों के बीच ना कोई टकराव है ना कोई मन मुटाव । कांग्रेस उपचुनाव पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी और जीत भी हासिल करेंगी।

EDIT BY : AMIT TIWARI

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