खेती किसानी. खरीफ की फसल के लिए रोपण मानसून की दस्तक के साथ ही शुरू हो गया है। पिछले कुछ सालों से मानसून जल्दी आने से किसानों को भरपूर मदद मिल रही है। यही वजह है कि साल-दर-साल 40% इसमें उछल देखा जा रहा है। खासतौर पर तिलहन और मोटे अनाज की खेती में वृद्धि देखी गई है। 1 जून से होने ही बारिश शुरू हो जाने के कारण पिछले एक साल में खरीफ की फसल में 31% बढ़ावा देखने को मिला है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खेती का कुल क्षेत्रफल एक साल पहले 9.42 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर अब 13.13 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
अमेरिका- चीन से टेंशन के चलते 20 फीसदी तक गिरे ड्राई-फ्रूट के भाव
ड्राई-फ्रूट के भाव पिछले तीन महीने में 20 प्रतिशत तक गिर गए हैं। इसकी दो वजह हैं। पहली अमेरिका- चीन से तनाव और लॉकडाउन। बादाम, काजू या पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 200 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है।
फेडरेशन ऑफ किराना एंड ड्रायफ्रूट कमर्शियल एसोसिएशन, अमृतसर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल मेहरा ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि सभी सूखे ड्रायफ्रूट की कीमतें, चाहे वह काजू, पिस्ता या किशमिश हो गिर गई हैं। लेकिन ज्यादातर गिरावट अमेरिकी बादाम आई है। उन्होंने कहा अच्छी क्वालिटी के बादाम जो 2 महीने पहले 700 रुपए प्रतिकिलों था अब वही 550 रुपए में मिल रहा है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान ड्रायफ्रूट का इम्पोर्ट नहीं हुआ था। इसिलए मांग और आपूर्ति के अंतर के कारण कीमतें गिर गईं।
जयपुर किराना एंड ड्राई फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने कहा कि बादाम के दाम में गिरावट का एक बड़ा कारण अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान है।