जबलपुर. मप्र शराब दुकान को लेकर शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच मे चल रहा गतिरोध हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई के बाद खत्म हो गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा है कि जो भी शराब ठेकेदार सरकार की वर्तमान शर्तों पर दुकान संचालित करना चाहते है वो 3 दिन में शपथ पत्र कोर्ट में दे दे। जो शराब ठेकेदार 3 दिन में शपथ पत्र जमा नहीं करते है उस परिस्थिति में उस दुकान का टेंडर निरस्त माना जाएगा।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि शपथ पत्र नहीं जमा करने के बाद मप्र आबकारी विभाग दुकान का टेंडर दोबारा बुलवाने के लिए स्वतंत्र रहेगा। जो ठेकेदार शपथ पत्र दे देते है उनको लागू शर्तो के आधार पर शराब दुकानों के संचालन की अनुमति मिल जाएगी, जिसके बाद वो अपनी दुकानें खोल सकते है।
गौरतलब है कि मप्र के 30 शराब ठेकेदारो ने मप्र आबकारी विभाग की शर्तों पर शराब दुकाने ना खोलने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अंतरिम आदेश जारी किया है। चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने कहा, सरकार ऐसा न करने वाले ठेकेदारों को आवंटित शराब दुकानों की फिर से निलामी के लिए स्वतंत्र होगी। याचिका के अंतिम निर्णय तक फिर से नीलामी के चलते रिकवरी न की जाए। कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 जून तक कर कहा है कि इस बीच ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं की जाए।