Saturday, July 27

दो दिन में कैबिनेट विस्तार की संभावना, सोमवार को सीएम शिवराज जा सकते हैं दिल्ली

दो दिन में कैबिनेट विस्तार की संभावना, सोमवार को सीएम शिवराज जा सकते हैं दिल्ली


बार-बार बदल रही कैबिनेट विस्तार की तारीख, अब 2 जून को शपथग्रहण की संभावना

मध्यप्रदेश में कैबिनेट विस्तार का मुहुर्त नहीं निकल पा रहा है। कई कारणों से ये विस्तार आगे बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जहां पहले लगभग तय हो चुका था कि मई के आखिरी हफ्ते में कैबिनेट विस्तार होगा तो मई निकलने के साथ ही अब नई तारीखें सामने आने लगी है। सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक अब 2 जून को मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक कुछ नामों पर पेंच फंसने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान हाईकमान को विधायकों के नाम की लिस्ट सौंपने के लिए 1 जून को दिल्ली जा सकते हैं और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद 2 जून को शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है।

सिंधिया खेमे को एडजस्ट करना चुनौती

सीएम शिवराज के सामने सबसे बड़ी मुश्किल थी कि सिंधिया खेमे से कितने पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों को शामिल किया जाए। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर आए दिग्विजय खेमे के और बिना किसी खेमे के पूर्व विधायकों में से भी हर कोई मंत्री बनने के लिए दावेदारी ठोक रहा है ऐसे में सीएम ने आखिरी फैसला दिल्ली दरबार पर ही छोड़ दिया है। क्योंकि इन परिस्थितियों में हर किसी को संतुष्ट कर पाना संभव नहीं है।

 

सिंधिया कर रहे ज्यादा पदों की मांग

फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो नेता तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं। सूत्रों का कहना है कि सिंधिया खेमे के अभी 8 नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में भाजपा के सीनियर विधायकों और पूर्व मंत्रियों को एडजस्ट करने में मुश्किल होगी। सिंधिया अपने खेमे के बाकी बचे 4 पूर्व मंत्रियों को उपचुनाव के पहले मंत्री बनाना चाहते हैं ताकि चुनाव जीतने में मदद मिल सके। लेकिन साथ ही हरदीप सिंह डंग, ऐंदल सिंह कंसाना समेत कई अन्य नेता भी उपचुनाव के पहले मंत्री बनना चाहते हैं।

क्षेत्रीय, जातिगत संतुलन का बिगड़ रहा गणित
चंबल-ग्वालियर संभाग में बीजेपी को 16 सीटों पर उपचुनाव का सामना करना है, यहां से सिंधिया खेमे के ज्यादातर मंत्री बनने से बीजेपी के कई विधायकों की उम्मीद टूट सकती है। ऐसे में अरविंद भदौरिया के नाम पर पेंच फंस सकता है। इसके अलावा पार्टी को सामान्य,एससी, एसटी, ओबीसी, सिख, ब्राह्मण, ठाकुर, जैन और महिला वर्ग से भी प्रतिनिधित्व देना है। साथ ही पिछली सरकार में शिवराज सिंह ने इंदौर जैसे जिले से मंत्री न बनाकर जो गलती की थी उसे भी नहीं दोहराना चाहते। ऐसे में तुलसी सिलावट के साथ रमेश मेंदोला, महेन्द्र हार्डिया, उषा ठाकुर और मालिनी गौड़ में से मंत्री चयन बड़ा मुश्किल है। क्योंकि मालवा-निमाड़ की उपेक्षा 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी पड़ी थी। लेकिन इसके साथ ही विंध्य, महाकौशल और मध्यक्षेत्र से भी नेता भरपूर प्रतिनिधित्व चाहते हैं लिहाजा सीएम के साथ ये संकट आलाकमान के सामने भी पैदा होने वाला है।

राजभवन में कोरोना संकट

हाईकमान की हरी झंडी मिल भी गई तो राजभवन में शपथग्रहण करवाना बड़ी चुनौती होगी। हालांकि अधिकारी इसके भी रास्ते तलाश चुके हैं और सांदिपनी परिसर में शपथग्रहण हो सकता है। लेकिन अगर इन हालातों में राजभवन में शपथ समारोह हुआ और इसके बाद अगर कोई नेता संक्रमित हो गया तो विपक्ष को हमला करने का मौका मिल जाएगा। फिलहाल बीजेपी के लिए राहत की बात ये है कि राज्यपाल लालजी टंडन की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है ऐसे में राजभवन के बाहर शपथ दिलाई जा सकती है। अब देखना है कि 2 जून तक सब ठीक रहता है या फिर कोरोना काल में शपथग्रहण फिर आगे के लिए टल सकता है।

EDIT BY : DIPESH JAIN

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