चाह है तो सब संभव है…
चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कल्लो बाई एवं सालवी से बातचीत के दौरान कहा कि इन दोनों बहनों ने अपने कार्य से यह सिद्ध कर दिया है कि यदि चाह है तो सब कुछ संभव है। दोनों ने बहुत मुश्किल कार्य किया है। इन्होंने जंगलों में जीवित ठूठों को ढूंढ़कर उनकी देखभाल की। अब वहां सागौन का घना जंगल खड़ा हो गया है।
पर्यावरण की दृष्टि से वन क्षेत्र की सुरक्षा विगत 13 वर्षों से सक्रिय भूमिका निभा रही कल्लोबाई और शालिनी ने कहा कि यहक दिन हमारी जिंदगी का यादगार दिन रहेगा। हमने कभी सोचा भी न था कि हमारे द्वारा किए जा रहे कार्य को कोई इतनी गंभीरता से लेंगा। उन्होंने बताया कि वन ही हमार जीवन है, अपने जीवन को सुरक्षित करने और आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए वन संरक्षण करना अपनी आदत बना ली है। हमें मालूम है कि वनों से न केवल पर्यावरण सुधरता है, बल्कि कई परिवार भी इसी से चलते हैं।