पटना
धनरुआ थाना क्षेत्र के मोरियावां गांव में 22 अक्तूबर की देर शाम हुए बवाल और हत्या मामले में दोनों पक्ष की ओर से प्राथमिकी दर्ज हो गयी है. पुलिस पक्ष की ओर से निवर्तमान मुखिया सुरेंद्र साव, उनके बेटे रोहित कुमार समेत नौ नामजद तथा 300 अज्ञात आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं मृतक रोहित की मौत मामले में परिजनों के लिखित आवेदन पर मसौढ़ी के सर्किल इंस्पेक्टर और 10 अन्य पुलिसकर्मियों पर 302 के तहत केस दर्ज है.
परिजनों ने सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या करने का आरोप लगाया है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपितों के खिलाफ हमले में घायल मसौढ़ी के सर्किल इंस्पेक्टर श्रीराम के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें पुलिस पक्ष ने 25 आर्म्स एक्ट, सरकारी कार्य में बाधा, आचार संहिता का उल्लंघन समेत कई संगीन धाराएं लगायी हैं.
जानकारी के अनुसार दर्ज प्राथमिकी में धनरूआ थाना प्रभारी राजू कुमार का नाम नहीं है. इस मामले के आइओ दारोगा विकास कुमार बनाये गये हैं. वरीय पदाधिकारियों ने बताया कि सर्किल इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है. यह तय है कि जल्द ही सर्किल इंस्पेक्टर पर गाज गिर जायेगी. मिली जानकारी के अनुसार वोटिंग खत्म होते ही गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी शुरू कर दी गयी है.
मालूम हो कि मोरियावां गांव में 22 अक्तूबर की देर शाम चुनाव प्रचार खत्म होने के बावजूद निवर्तमान मुखिया सुरेंद्र साव की ओर से प्रचार करने व लाउडस्पीकर बजाने की सूचना पर धनरुआ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी. पुलिस ने जब डीजे बंद कराया तो निवर्तमान मुखिया का बेटा अपने समर्थकों के साथ विरोध करने लगा. इसी को लेकर पथराव शुरू हो गया.