मुंबई
नीट परीक्षा के रिजल्ट में और देरी हो सकती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो छात्रों के लिए अलग से नीट परीक्षा कराने का आदेश दिया है और अब संभावना है कि इन दोनों छात्रों की परीक्षा कराने के बाद ही रिजल्ट घोषित होगा। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के छात्र पहले ही रिजल्ट में देरी से परेशान हैं, अब कोर्ट के फैसले ने उनकी चिंताएं और बढ़ा दी हैं। नीट की परीक्षा पिछले महीने 12 सितंबर को देशभर में आयोजित की गई थी। परीक्षा में करीब 16 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश सोलापुर जिले के उन दो विद्यार्थियों की याचिकाओं पर आया है जिन्होंने शिकायत की थी कि निरीक्षक की असावधानी के कारण उन्हें एग्जाम के दौरान बेमेल टेक्स्ट बुकलेट और आंसर शीट मिले। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें दी गई टेस्ट बुकलेट और आंसर बुकलेट मैच नहीं कर रही थी। जब उम्मीदवारों ने तुरंत निरीक्षकों को इस बात की जानकारी दी तो उनकी नहीं सुनी गई और चुप करा दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं वैष्णवी भोपाले और अभिषेक कापसे के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने और दो सप्ताह में उनके परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं को री-एग्जामिनेशन की तारीख और एग्जामिनेशन सेंटर की जानकारी 48 घंटे पहले देने के लिए कहा है। एक नीट यूजी अभ्यर्थी की मां अनुजा पारेख ने कहा, 'इस वर्ष नीट परीक्षा में काफी अड़चनें आई हैं। पहले कोरोना, उसके बाद फर्जीवाड़े और हेराफेरी की शिकायतें। अब बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश। लगता है नीट के परिणाम में और देरी होगी।'
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा में कथित फर्जीवाड़े को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने फिर से परीक्षा कराने की मांग ठुकराते हुए इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा एनटीए ने गुरुवार रात एक बार फिर नीट यूजी 2021 के सेकेंड सेट की डिटेल्स भरने और ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म की डिटेल्स में करेक्शन करने की विंडो ओपन कर दी। उम्मीदवार 26 अक्टूबर 2021 तक सेकेंड सेट की डिटेल्स सकते हैं। इसके अलावा फर्स्ट फेज की डिटेल्स में भी करेक्शन कर सकते हैं। देश भर से उम्मीदवारों से प्राप्त हो निवेदनों को देखते हुए एनटीए ने नीट यूजी एप्लीकेशन में करेक्शन के लिए एप्लीकेशन विंडो एक बार फिर खोला है।
एक अन्य नीट अभ्यर्थी के अभिभावक ने कहा, 'नीट रिजल्ट में देरी से एडमिशन प्रक्रिया में भी विलंब होगा। एक बार फिर मेडिकल व डेंटल यूजी कोर्स के एडमिशन नवंबर तक नहीं हो सकेंगे। इसका मतलब है कि रेगुलर लेक्चर दिसंबर में ही शुरू हो सकेंगे। यह बेहद अनुचित है कि अथॉरिटी की गलतियों का खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।'