न्यूजडेस्क(दिल्ली)- देश में लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कंपनी और उनके मालिकों पर सख्ती दिखाने से फिलहाल मना कर दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने आपस में विवाद सुलझाने पर जोर दिया है। मामले में अगली सुनवाई जुलाई के आखिरी हफ्ते में होगी। सुनवाई की तारीख कोर्ट ने अभी तय नहीं की हैं।
गृह मंत्रालय के आदेश पर गरमाया मामला
पूरा मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी आदेश को लेकर हुआ, जिसमें निजी कंपनियों के कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान पूरा वेतन देने और किसी तरह की कटौती न करने का था। गृह मंत्रालय के इसी आदेश के खिलाफ हैंड टूल्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन और जूट मिल्स एसोसिएशन के साथ कुछ प्राइवेट कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर इंटरिम ऑर्डर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि गृह मंत्रालय का ऑर्डर नहीं मानने वाली कंपनियों पर कार्रवाई न की जाए। शुक्रवार को केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय कृष्ण कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पूरी सैलरी देने में नाकाम रही कंपनियों पर सख्त कार्रवाई न की जाए। बेंच ने कंपनियों को जुलाई के आखिरी हफ्ते तक की राहत दी हैं।
सेटलमेंट में श्रम विभाग करेगा मदद
कोर्ट ने कर्मचारी और नियोक्ताओं के बीच आपसी समझौते पर जोर दिया हैं। बेंच ने ये भी कहा कि अगर कंपनियों और कर्मचारियों के बीच विवाद का निपटारा न हो तो श्रम विभाग दोनों के बीच सेटलमेंट करने में मदद करेगा। इसके साथ राज्य सरकारों को भी मामले को निपटाने में मदद करनी होगी।
Edit By RD Burman