दुबई
कुछ साल पहले तक कश्मीर को लेकर मुस्लिम देशों का रवैया भारत के अनुकूल नहीं रहता था, लेकिन अब कश्मीर पर भारत को ना सिर्फ कई मुस्लिम देशों का खुला समर्थन मिल रहा है, बल्कि मुस्लिम देशों ने कश्मीर में निवेश करना भी शुरू कर दिया है। संयुक्त अरब अमीरात को पाकिस्तान अपना दोस्त बताता रहा है, लेकिन कश्मीर में चल रहे एक बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश को मंजूरी देकर यूएई ने पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका दिया है।
कश्मीर में दुबई करेगा निवेश ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई ने जम्मू-कश्मीर में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश को मंजूरी दे दी है और भारत सरकार ने कहा है कि, दोनों देशों के बीच कश्मीर में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए एमओयू पर साइन कर लिए गये हैं। मोदी मोदी सरकार ने प्रोजेक्ट फाइनल होने का दावा किया है। दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर एमओयू उस वक्त फाइनल किया गया है, जब घाटी में एक बार फिर से हिंसक वारदातों में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि, कश्मीर में दुबई कितना निवेश करेगा, इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
मुस्लिम देश द्वारा पहला समझौता संयुक्त अरब अमीरात के 7 अमीरातों में से एक दुबई ने भारत के साथ कश्मीर को लेकर उस वक्त समझौता किया है, जब अनुच्छेद 370 खत्म करने को लेकर पाकिस्तान लगातार अलग अलग मुस्लिम देशों से मदद मांग रहा है और हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद दुबई पहला मुस्लिम बहुल राज्य है, जिसने कश्मीर में निवेश करने का समझौता किया है। भारत सरकार के मुताबिक, इस समझौते के तहत कश्मीर में एक टेक्नोलॉजी पार्क, आईटी टावर, मल्टीपर्पस टावर, लॉजिस्टिक सेंटर, एक मेडिकल कॉलेज और एक स्पेशल अस्पताल सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का निर्माण होगा।
''विकास की गति पर कश्मीर'' भारतीय ट्रेड मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान में कहा कि, "दुनिया ने उस गति को पहचानना शुरू कर दिया है जिस रफ्तार से जम्मू-कश्मीर विकास की गति पर चल रहा है।" बयान में कहा गया है कि, दुबई की विभिन्न संस्थाओं ने कश्मीर में निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि, इन सबके बीच एक बार फिर से कश्मीर में हिंसक वारदातें बढ़ी हैं और कश्मीर में फिर से शांति बहाल करने के लिए भारत सरकार की तरफ से कई कोशिशें की जा रही हैं। इस हफ्ते भी सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के कश्मीर से पलायन करने की खबर आई है।
भारत-यूएई संबंध पिछले कुछ सालों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच के संबंध काफी मजबूत हुए हैं और कश्मीर में प्रोजेक्ट की घोषणा पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि, मुस्लिम देशों के संगठन में संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब का प्रभाव सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही अगले कुछ सालों में दोनों देश की आपसी व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने की कोशिश है। पिछले महीने ही अमेरिका को पछाड़कर भारत, संयुक्त अरब अमीराक का व्यापारिक भागीदार बना है और अब भारत से आगे सिर्फ चीन है और अगर कश्मीर को लेकर मुस्लिम देशों का नजरिया बदलता है, तो निश्चित तौर पर ये भारत के लिए अच्छी खबर होगी।