भोपाल. विकास दुबे का आखिरकर एनकाउंटर हो ही गया और उन 8 पुलिस वालों की हत्या का राज भी हमेशा के लिए दफन हो गया। गैंगेस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया में यूपी सरकार और पुलिस की इस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है! भागना ही होता तो सरेंडर काहे करता’।
एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया है कि ‘विकास दुबे को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के कारण मौत नसीब नहीं हुई है। उसे मार दिया गया, क्योंकि उसके अपराध पॉलिटिक्स के कई बड़े शॉट्स से जुड़े थे। अब तक का सबसे बड़ा सस्पेंस थ्रिलर। गिरफ्तारी का मंचन और फिर फर्जी एनकाउंटर’।
कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ी में बैठा था। वह भागने की कोशिश कर रहा था और एनकाउंटर में मारा गया।
कुछ यूजर ने ट्वीटर पर एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है और इसमें लिखा है कि कानपुर पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही विकास दुबे को टाटा सफारी कार में यात्रा करते देखा गया था, लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद कार TUV 300 में बदल जाती है। ‘यूपी पुलिस थोड़ा तो स्मार्ट बानो’।