कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को तंबाकू युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण और बिक्री पर एक साल का प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। राज्य सरकार के आदेश के अनुसार यह प्रतिबंध 7 नवंबर, 2021 से प्रभावी होगा। स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गुटखा और तंबाकू मसालों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री या वितरण पर एक साल के लिए रोक लगा दी है।
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 खाद्य सुरक्षा आयुक्त को राज्य भर में किसी भी खाद्य वस्तु के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर इस तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार देती है। बता दें कि एक साल पहले गुटखा और तंबाकू मसाले पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस अवधि की समाप्ति से पहले नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल खाद्य सुरक्षा आयुक्त तपन के रुद्र द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि जिन खाद्य पदार्थों में तंबाकू या निकोटीन का उपयोग सामग्री के रूप में किया जाता है, उनकी बिक्री प्रतिबंधित होगी, क्योंकि वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। आपको बता दें कि, गुटखा और पान मसाला में सामग्री के रूप में तंबाकू और निकोटीन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इन वस्तुओं की बिक्री आम तौर पर राज्य सरकारों के लिए कर राजस्व की एक महत्वपूर्ण राशि पैदा करती है। हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में, देश भर के कई राज्यों ने धीरे-धीरे गुटखा और अन्य निकोटीन युक्त उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ममता बनर्जी सरकार ने 2019 में पहली बार गुटखा, सुपारी और कई अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
बता दें कि सबसे पहले 23 अप्रैल, 2013 को राज्य में गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध लगा दिया गया था तब से प्रतिबंध प्रत्येक एक साल के लिए बढ़ाया जा रहा है। वे चाहते हैं कि सदा ही इस पर प्रतिबंध लगा दिए जाए. कोलकाता, कोलकाता पुलिस, पुलिस अधीक्षक, जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सहित विभिन्न नगर पालिकाओं को प्रतिबंध बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। हरियाणा में गुटखा और पान मसाला के निर्माण भंडारण और वितरण पर एक साल तक के लिए पाबंदी है। दिल्ली में भी पिछले साल तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।