Tuesday, February 11

भिलाई मार्शलिंग यार्ड में सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना

भिलाई मार्शलिंग यार्ड में सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना


रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेल के रायपुर मंडल मे स्थित भिलाई मार्शलिंग यार्ड के आई, जे और एफ केबिन का आधुनिकीकरण का कार्य पिछले नौ दिनों तक आई, जे, एफ, डी, ई, जी एच और पी केबिन के नान-इंटरलॉकिंग कार्य के बाद सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अब तक की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग ईआई है जिसमे फाइबर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग प्रणाली की स्थापना की गई है। आधुनिकीकरण को बढ़ाते हुए रेलवे बोर्ड द्वारा पुराने यांत्रिक लीवर फ्रेम संचालित आई, जे और एफ केबिन (वर्ष 1964 में स्थापित किया गया था) को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की अनुमति मिली थी। उपरोक्त परियोजना मे कुल पन्द्रह करोड, सात लाख छत्तीस हजार रुपये खर्च हुए। इस कार्य कोसमय-सीमा मे पूरा करने के लिए विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियो द्वारा निरंतर कार्य किया गया। कार्य के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया।

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग होने से ट्रेनों का संचालन तीव्र गति से किया जाएगा। अभी तक तीन केबिन से ट्रेनों का संचालन किया जाता है जबकि अब केंद्रीय संचालन से केवल एक स्थान से संचालन संपन्न किया जाएगा। इससे जहां एक ओर मैन पावर की बचत होगी वही संरक्षा में भी और कुशलता बढ़ेगी। संचालन तीव्र गति से संपन्न होने से यातायात की सुविधा में वृद्धि होगी और परिचालन में उत्तरोत्तर तीव्र गति से होगा। इलेक्ट्रॉनिक इंट्रलॉकिन से संचालन की विश्वसनीयता में सुधार तथा परिसंपत्तियों के रखरखाव में आसानी होगी। इसमें अलार्म सिस्टम के साथ स्टैंडबाय फ्यूज रहेगा जिससे फेलियर की स्थिति में संचार बाधित नहीं होगा एवं फेलियर का पता रीयल टाइम में आसानी से मिल जायेगा। अलग-अलग लाइनों पर आग लगने का पता लगाने के लिए अलार्म प्रणाली भी प्रदान किया गया है। कुल मिला कर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से ट्रेनों के संचन में तीव्रता आने से यात्री ट्रेनों की समयबद्धता में और सुधार आएगा वही दूसरी ओर संरक्षित ट्रेन परिचालन में भी और वृद्धि होगी।

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