न्यूज डेस्क- मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला मध्यप्रदेश के सीधी जिले में सामने आया है। जहां एक आदिवासी महिला की मौत के बाद उसका शव ले जाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हो सका। जानकारी के मुताबिक कोटहा मोहल्ला के रहने वाले रामअवतार की बहन राधा कोल कभी समय से बीमार चल रही थी। जिसे इलाज के लिए सीधी जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रविवार को इलाज के दौरान राधा कोल की मौत हो गई। अपनी बहन के शव घर ले जाने के लिए रामअवतार ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस के गुहार लगाई। लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टर और अधिकारियों ने रामअवतार की एक न सुनी।
नगर पालिका से भी मिली निराशा
जिला अस्पताल से निराश लेकर रामअवतार अपनी गुहार लेकर नगर पालिका के अधिकारियों के पास पहुंचा। लेकिन यहां से भी उसे उल्टे पांव लौटा दिया गया। अपनी मृत बहन का दाह संस्कार करने के लिए मजबूर भाई के पास पैसे भी नहीं थे। हताश होकर उसने तीन पहियों वाले रिक्शा ठेले की व्यवस्था की। अपनी बहन के शव को ठेले पर रखकर 12 किलोमीटर दूर सोन नदी में प्रवाहित कर आया।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने साधा निशाना
मानवता को झंझोर देने वाले इस मामले की जानकारी जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो उन्होंने शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीब लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर सवाल उठाते रहते हैं। अब प्रदेश में उनकी सरकार है और गरीबों के साथ ऐसा अन्याय हो रहा है। कमलनाथ ने कहा कि महिला की मौत होने के बाद परिवार के पास पैसे नहीं होने थे। मजबूरी में शव को ठेले पर ले जाकर नदी में बहा दिया गया। मानवता को शर्मशार करने वाली इस घटना के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
Edit By RD Burman