न्यूज डेस्क- मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी में खीचतान लगातार जारी है। सीएम शिवराज की टीम में नए मंत्रियों की लेकर फंसा पेच सुलझ नहीं रहा है। कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को पद और गोपनियता की शपथ लेंगी। जिसके बाद अब गुरुवार को नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। सीएम शिवराज सिंह ने जिन विधायकों के नाम पार्टी हाईकमान को दिए थे उस पर सहमति नहीं बन सकी। अब प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे मंत्रिमंडल गठन का नया फार्मूला अपने साथ लेकर भोपाल आ रहे है। इस फार्मूले में मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किए जाने के साथ पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को मनाने की बात भी कही जा रही है। विनय सहस्त्रबुद्धे वरिष्ठ विधायकों से खुद वन-टू-वन चर्चा करेंगे। अगर प्रदेश प्रभारी सहस्त्रबुद्धे का फार्मूला फैल होता है, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार फिर दिल्ली का रुख करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पर फंसा पेच
सूत्रों की माने तो विधानसभा अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद पर मंत्रियों के चयन का मुद्दा नहीं सुलझ पा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं, लेकिन शिवराज सिंह के इस फैसले पर सहमति नहीं बन पा रही है। भार्गव अगर मंत्री बनते हैं, तो विधानसभा अध्यक्ष सीतसरन शर्मा को बनाया जा सकता है। वही डिप्टी सीएम के लिए बीजेपी हाईकमान ने नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट का नाम प्रदेश नृतेत्व के सामने रखा था। लेकिन दोनों के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी आनन फानन में दिल्ली तलब किया गया था।
समर्थकों को मंत्री बनाने पर अड़े सिंधिया
पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को दिए जाने वाले मंत्री पद में से एक भी छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे है। इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप डंग और रणवीर जाटव को भी मंत्री बनाने का भरोसा दिया जा चुका है। कैबिनेट विस्तार और पार्टी नेताओं को बिना नाराज किए मंत्री पद का बटवारा टेढ़ी खीर नजर आ रही है। इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच लंबी बातचीत हो चुकी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सहस्त्रबुद्धे का फार्मूला काम करता है या एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख को आगे बढ़ाया जाता है।
Edit By RD Burman