धर्म डेस्क. रविवार 21 जून को जो सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई दिया है अब वह 2039 से पहले दिखाई नहीं देगा। इसलिए यह ग्रहण बेहद ही दुर्लभ है, जो पृथ्वी पर सामान्य रूप से देखने को नहीं मिलता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण कभी भी आपको नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए, इससे आपकी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पंडितों के मुताबिक, 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है, इसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है।
लाइव साइंस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2001 में 21 जून को ऐसा सूर्य ग्रहण देखने को मिला था। उससे पहले 1982 में भी 21 जून को इसी तरह का सूर्य ग्रहण देखा गया था और अब अनुमान है कि अगली बार 21 जून को सूर्य ग्रहण 2039 में लगेगा।
22 जून से गुप्त नवरात्रि…
ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्यग्रहण के बाद 22 जून से गुप्त नवरात्रि शुरू होगी। इस दौरान ग्रह-नक्षत्रों के संयोगों से साधना करने वाले गृहस्थ साधकों को सिद्धि प्राप्त करना आसान होगा। गुप्त नवरात्र 22 जून से शुरू होकर 29 जून को समाप्त होगी।